माघ मास के तीसरे मुख्य स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर ग्रहीय योग पुण्यफल में वृद्धिकारक सिद्ध होगा। इसका लाभ कई क्षेत्रों में चराचर जगत को मिलेगा। त्रिवेणी में स्नान-दान भी अधिक फलदायी होगा।
उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिषाचार्य पं. दिवाकर त्रिपाठी ‘पूर्वांचली’ के अनुसार 23 जनवरी गुरुवार को रात 3:21 बजे शनिदेव मकर राशि में प्रवेश करेंगे। यह राशि परिवर्तन 30 साल बाद हो रहा है। इससे पूर्व 15 जनवरी 1990 को राशि परिवर्तन हुआ था। शनिदेव मकर राशि में 18 जनवरी 2023 तक स्वगृही रहेंगे। इस बीच 30 अप्रैल 2022 से 9 जुलाई 2022 तक कुम्भ राशि में गोचर करेंगे। 20 जनवरी 2021 तक उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में रहेंगे जो सूर्य का नक्षत्र है। मकर में प्रवेश के समय धनु राशि के लिए उतरती, मकर के लिए मध्य और कुम्भ राशि के लिए चढ़ती साढ़े साती का प्रभाव रहेगा। साथ ही ग्रहीय परिवर्तन का राशियों पर प्रभाव पड़ेगा।
राशियों पर पड़ने वाला प्रभाव
मेष : राज्य में वृद्धि, पिता से लाभ, परिश्रम में वृद्धि वाहन सुख। वृष : पराक्रम में वृद्धि, भाग्य में वृद्धि, राज्य से लाभ, रोग व ऋण शत्रु पर विजय। मिथुन : पराक्रम में कमी, धन में वृद्धि, परिश्रम में अवरोध। कर्क : दाम्पत्य सुख, सरकारी लाभ, मन अशांतर्। सिंह : रोग, ऋण शत्रुओं की पराजय, मन अशांत, विदेश यात्रा। कन्या : अध्ययन-अध्यापन में वृद्धि, आय के साधन में वृद्धि, संतान पर खर्च। तुला : जमीन जायदाद से लाभ, परिश्रम में वृद्धि, शत्रु पर विजय। वृश्चिक : पराक्रम में वृद्धि, भाग्य व सम्मान में वृद्धि, पिता का सहयोग। धनु : पेट व पैर की समस्या, धन में वृद्धि, गृह व वाहन पर खर्च। मकर : दांपत्य में तनाव, माता-पिता को कष्ट, प्रतिष्ठा में वृद्धि, मानसिक तनाव। कुम्भ : आंख में कष्ट, व्यवसाय में अवरोध, पिता का सानिध्य, मुंह में कष्ट। मीन : आय में वृद्धि, अध्ययन में अवरोध, सिर दर्द की समस्या, मानसिक तनाव, संतान कीं चिंता।
मेष : राज्य में वृद्धि, पिता से लाभ, परिश्रम में वृद्धि वाहन सुख। वृष : पराक्रम में वृद्धि, भाग्य में वृद्धि, राज्य से लाभ, रोग व ऋण शत्रु पर विजय। मिथुन : पराक्रम में कमी, धन में वृद्धि, परिश्रम में अवरोध। कर्क : दाम्पत्य सुख, सरकारी लाभ, मन अशांतर्। सिंह : रोग, ऋण शत्रुओं की पराजय, मन अशांत, विदेश यात्रा। कन्या : अध्ययन-अध्यापन में वृद्धि, आय के साधन में वृद्धि, संतान पर खर्च। तुला : जमीन जायदाद से लाभ, परिश्रम में वृद्धि, शत्रु पर विजय। वृश्चिक : पराक्रम में वृद्धि, भाग्य व सम्मान में वृद्धि, पिता का सहयोग। धनु : पेट व पैर की समस्या, धन में वृद्धि, गृह व वाहन पर खर्च। मकर : दांपत्य में तनाव, माता-पिता को कष्ट, प्रतिष्ठा में वृद्धि, मानसिक तनाव। कुम्भ : आंख में कष्ट, व्यवसाय में अवरोध, पिता का सानिध्य, मुंह में कष्ट। मीन : आय में वृद्धि, अध्ययन में अवरोध, सिर दर्द की समस्या, मानसिक तनाव, संतान कीं चिंता।
मौनी अमावस्या पर कर्म के कारक शनिदेव की बरसेगी कृपा
ग्रह संचरण का राशियों पर पड़ेगा प्रभाव
ग्रह संचरण का राशियों पर पड़ेगा प्रभाव
साढ़े साती निवारण के उपाय
पूर्वांचली के अनुसार शनि कर्म के कारक हैं। वे कर्मों के अनुसार फल देते हैं। प्रभावित राशि के जातकों को साढ़े साती के निवारण के लिए शनि स्रोत का पाठ करना चाहिए। गरीब, असहाय की सेवा और कौओं को चारा देना चाहिए। सुंदर कांड का पाठ करना चाहिए।
पूर्वांचली के अनुसार शनि कर्म के कारक हैं। वे कर्मों के अनुसार फल देते हैं। प्रभावित राशि के जातकों को साढ़े साती के निवारण के लिए शनि स्रोत का पाठ करना चाहिए। गरीब, असहाय की सेवा और कौओं को चारा देना चाहिए। सुंदर कांड का पाठ करना चाहिए।
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