बलिया में रहने वाला रामकुमार अब हापुड़ की किसी भी राशन की दुकान से अनाज ले सकेगा। राज्य सरकार बुधवार से पूरे प्रदेश में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी योजना लागू कर रही है। मुख्यमंत्री के सचिव आलोक कुमार ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। वहीं राज्य सरकार राष्ट्रीय स्तर पर राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी की तैयारी कर रही है।
राज्य सरकार ने बाराबंकी, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, कानपुर नगर, कानपुर देहात, उन्नाव, लखनऊ व बाराबंकी में पायलट के तहत राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी योजना लागू की गई थी। इसके तहत लगभग 5 लाख लोगों ने दूसरी दुकानों से राशन खरीदा था। यहां परीक्षण सफल रहने के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया गया है।
खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने जानकारी दी है कि अब राज्य सरकार अगले कदम के रूप में पूरे देश में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी लागू करेगी ताकि प्रदेश का कोई भी व्यक्ति दूसरे प्रदेश जाने पर वहां की सार्वजनिक दर की दुकान से राशन ले सके। ई-पॉश मशीन के माध्यम से सत्यापित होने के बाद ही राशन दिया जा रहा है। ई-पॉश मशीन लागू होने के बाद 1552 करोड़ रुपये की खाद्यान्न सब्सिडी की बचत की गई है।
राशन पोर्टबिलिटी शुरू होने के बाद कोटेदारों का एकाधिकार खत्म हो जाएगा। इससे सीधे तौर पर गरीबों को फायदा होगा। अक्सर सामने आता है कि गांवों में प्रधान और शहरों में पार्षद, सभासद से कोटेदारों के मजबूत गठजोड़ के चलते गरीबों को अनाज मिलने में दिक्कत होती है। वहीं जब गरीब आदमी रोजगार की आस में पलायन करता है तो उसे अपने कोटे का राशन नहीं मिल पाता।
No comments:
Post a Comment