शिकोहाबाद : देश में कोरोना वायरस की वजह से 31 मई तक सबकुछ बंद होने का सबसे ज्यादा असर गरीब लोगों पर पड़ा है। तमाम गरीब ऐसे हैं, जिनके पास खाने का इंतजाम भी नहीं है। समाजसेवी संगठनों ने ऐसे तमाम लोगों को खाना खिलाने की जिम्मेदारी ली है। शायद हर भूखे को वह खाना न खिला पाएं, लेकिन फिर भी समाजसेवियों के द्वारा काफी गरीब, असहाय और मजदूरों का पेट भरा जा रहा है । जनपद की सुप्रसिद्ध संस्था रोटी बैंक ने एक नया इतिहास रच दिया ! बिहार के भागलपुर गांव के बीस मजदूरों को उन्हीं का ठेकेदार लॉक डाउन के चलते धोखा देकर दर बदर भटकने के लिए फिरोजाबाद जनपद के तहसील सिरसागंज में छोड़ गया ! जब इसकी सूचना रोटी बैंक के संयोजक तक पहुंची सभी संस्था के सदस्यों ने आपस में विचार कर उनके लिए भोजन की व्यवस्था करा कर रोडवेज बस द्वारा घर भिजवाया! संस्था के मीडिया प्रभारी का कहना है संस्था को सूचना मिलते ही संस्था के द्वारा उनके लिए भोजन की व्यवस्था कराई और रोडवेज बस के द्वारा उनको उत्तर प्रदेश बॉर्डर तक बस द्वारा भिजवाया गया है तथा उनके गांव तक का किराया प्रत्येक मजदूर को दे दिया गया है! रोडवेज बस के द्वारा जो किराया उत्तर प्रदेश के बॉर्डर तक बनता है वह संस्था ने रोडवेज को भुगतान कर दिया है तथा प्रत्येक व्यक्ति को ₹700 दिए गए हैं जिससे अपने घर तक की दूरी किराया देकर तय कर सकें साथ ही साथ दो वक्त का भोजन लाई चने बिस्किट केले मट्ठा आदि खाद्य सामग्री भी दे दी गई है जिससे रास्ते में अपनी भूख मिटा सके! बताते चलें यह संस्था लॉक डाउन के समय से ही प्रवासी मजदूरों को पूरी सब्जी पैकेट केले लाई चलें बिस्किट तथा गरीब असहाय परिवारों के घर घर जाकर खाद्य सामग्री वितरण का कार्य कर रही है!
चंद्र प्रकाश राठौर
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