सीo पीo सिंह राठौर
दुनिया में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के खतरे के मसले पर पीएम मोदी देश को संबोधित करने जा रहे हैं। वह COVID-19 के चलते पैदा हुए हालात और इससे निपटने के उपायों पर चर्चा कर करने वाले हैं। मालूम हो कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए केंद्र के साथ साथ राज्य सरकारें भी लोगों से घर पर रहकर ही काम करने की अपील कर रही हैं। कई कंपनियों और कॉर्पोरट हाउसेज ने भी अपने एंप्लायीज को 'वर्क फ्रॉम होम' करने के लिए कहा है। पीएम मोदी ने ऐसी पहलकदमियों को सराहा है। पीएम मोदी के संबोधन को लेकर ताजा अपडेट
- साथियों, 22 मार्च को हमारा ये प्रयास, हमारे आत्म-संयम, देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा। 22 मार्च को जनता-कर्फ्यू की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे। संभव हो तो हर व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम 10 लोगों को फोन करके कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के साथ ही जनता-कर्फ्यू के बारे में भी बताए।
- साथियों, ये जनता कर्फ्यू एक प्रकार से हमारे लिए, भारत के लिए एक कसौटी की तरह होगा ये कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है, ये देखने और परखने का भी समय है। आपके इन प्रयासों के बीच, जनता-कर्फ्यू के दिन, 22 मार्च को मैं आपसे एक और सहयोग चाहता हूं।
- मेरा सभी देशवासियों से ये आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक, जब बहुत जरूरी हो तभी अपने घर से बाहर निकलें। जितना संभव हो सके, आप अपना काम, चाहे बिजनेस से जुड़ा हो, ऑफिस से जुड़ा हो, अपने घर से ही करें। मेरा एक और आग्रह है कि हमारे परिवार में जो भी सीनियर सिटिजन्स हों, 65 वर्ष की आयु के ऊपर के व्यक्ति हों, वो आने वाले कुछ सप्ताह तक घर से बाहर न निकलें।
- आज की पीढ़ी इससे बहुत परिचित नहीं होगी, लेकिन पुराने समय में जब युद्ध की स्थिति होती थी, तो गांव गांव में BlackOut किया जाता था। घरों के शीशों पर कागज़ लगाया जाता था, लाईट बंद कर दी जाती थी, लोग चौकी बनाकर पहरा देते थे। मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं। ये है जनता-कर्फ्यू। जनता कर्फ्यू यानि जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू। इस रविवार, यानि 22 मार्च को, सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक, सभी देशवासियों को, जनता-कर्फ्यू का पालन करना है।
- साथियों इस तरह की वैश्विक महामारी में, एक ही मंत्र काम करता है- “हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ”... ऐसी स्थिति में, जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं है, तो हमारा खुद का स्वस्थ बने रहना बहुत आवश्यक है। इस बीमारी से बचने और खुद के स्वस्थ बने रहने के लिए अनिवार्य है संयम... संयम का तरीका है... भीड़ से बचना, घर से बाहर निकलने से बचना। आजकल जिसे Social Distancing कहा जा रहा है, कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में, यह बहुत जरूरी है।
- आज 130 करोड़ देशवासियों को अपना संकल्प और दृढ़ करना होगा कि हम इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए एक नागरिक के नाते, अपने कर्तव्य का पालन करेंगे, केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के दिशा निर्देशों का पालन करेंगे। आज हमें ये संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे।
- इस वैश्विक महामारी का मुकाबला करने के लिए दो प्रमुख बातों की आवश्यकता है। पहला- संकल्प और दूसरा- संयम... आज 130 करोड़ देशवासियों को अपना संकल्प और दृढ़ करना होगा कि हम इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए एक नागरिक के नाते, अपने कर्तव्य का पालन करेंगे, केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के दिशा निर्देशों का पालन करेंगे।
- इन दो महीनों में भारत के 130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है, आवश्यक सावधानियां बरती हैं। लेकिन, बीते कुछ दिनों से ऐसा भी लग रहा है जैसे हम संकट से बचे हुए हैं, सब कुछ ठीक है।
- वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की ये सोच सही नहीं है। इसलिए, प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना, सतर्क रहना बहुत आवश्यक है। साथियों, आपसे मैंने जब भी, जो भी मांगा है, मुझे कभी देशवासियों ने निराश नहीं किया है। ये आपके आशीर्वाद की ताकत है कि हमारे प्रयास सफल होते हैं। मैं आप सभी देशवासियों से, आपसे, कुछ मांगने आया हूं। मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए आपका आने वाला कुछ समय चाहिए।
- पूरी दुनिया संकट के दौर से गुजर रही है। इस संकट ने पूरी मानव जाति को संकट में डाल दिया है। जब प्रथम या द्वितीय विश्व युद्ध हुआ था तो दुनिया के मुल्क उतने प्रभावित नहीं हुए थे जितने कि इस वायरस के संकट से हुए हैं।
कोरोना वायरस से निपटने को लेकर चल रही कोशिशें की समीक्षा के लिए पीएम मोदी ने गुरुवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक ली। इस बैठक में उन्होंने कोरोना वायरस COVID-19 से लड़ने के लिए स्थानीय समुदायों और संगठनों की सक्रिय भागीदारी पर जोर दिया। पीएम मोदी ने COVID-19 का मुकाबला करने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों, चिकित्सा बिरादरी, पैरामेडिकल स्टाफ, सशस्त्र एवं अर्धसैनिक बलों का आभार व्यक्त किया। पीएम मोदी ने अधिकारियों और तकनीकी विशेषज्ञों से अगले कदमों पर विचार-विमर्श करने के निर्देश दिए।
इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जनप्रतिनिधियों, सरकारी कर्मचारियों, चिकित्सा पेशेवरों को छोड़कर, 65 साल से अधिक उम्र के अन्य नागरिकों को घर में रहने की सलाह दी है। सरकार ने यह भी सलाह दी है कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए रेलवे और एयरलाइन कंपनियों को छात्रों, मरीजों और दिव्यांगों के अलावा सभी तरह छूट वाली सेवाएं बंद कर देनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस का प्रकोप भारत में दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। पंजाब के नवांशहर में गुरुवार को कोरोना संक्रमित एक व्यक्ति की मौत हो गई जिसके बाद इससे मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक, देश में अब तक 167 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इसमें 25 विदेशी नागरिक शामिल हैं। अब तक जिन चार लोगों की मौत हुई है उनमें दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र और पंजाब के एक-एक मरीज शामिल हैं।
दुनिया में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के खतरे के मसले पर पीएम मोदी देश को संबोधित करने जा रहे हैं। वह COVID-19 के चलते पैदा हुए हालात और इससे निपटने के उपायों पर चर्चा कर करने वाले हैं। मालूम हो कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए केंद्र के साथ साथ राज्य सरकारें भी लोगों से घर पर रहकर ही काम करने की अपील कर रही हैं। कई कंपनियों और कॉर्पोरट हाउसेज ने भी अपने एंप्लायीज को 'वर्क फ्रॉम होम' करने के लिए कहा है। पीएम मोदी ने ऐसी पहलकदमियों को सराहा है। पीएम मोदी के संबोधन को लेकर ताजा अपडेट
- साथियों, 22 मार्च को हमारा ये प्रयास, हमारे आत्म-संयम, देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा। 22 मार्च को जनता-कर्फ्यू की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे। संभव हो तो हर व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम 10 लोगों को फोन करके कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के साथ ही जनता-कर्फ्यू के बारे में भी बताए।
- साथियों, ये जनता कर्फ्यू एक प्रकार से हमारे लिए, भारत के लिए एक कसौटी की तरह होगा ये कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है, ये देखने और परखने का भी समय है। आपके इन प्रयासों के बीच, जनता-कर्फ्यू के दिन, 22 मार्च को मैं आपसे एक और सहयोग चाहता हूं।
- मेरा सभी देशवासियों से ये आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक, जब बहुत जरूरी हो तभी अपने घर से बाहर निकलें। जितना संभव हो सके, आप अपना काम, चाहे बिजनेस से जुड़ा हो, ऑफिस से जुड़ा हो, अपने घर से ही करें। मेरा एक और आग्रह है कि हमारे परिवार में जो भी सीनियर सिटिजन्स हों, 65 वर्ष की आयु के ऊपर के व्यक्ति हों, वो आने वाले कुछ सप्ताह तक घर से बाहर न निकलें।
- आज की पीढ़ी इससे बहुत परिचित नहीं होगी, लेकिन पुराने समय में जब युद्ध की स्थिति होती थी, तो गांव गांव में BlackOut किया जाता था। घरों के शीशों पर कागज़ लगाया जाता था, लाईट बंद कर दी जाती थी, लोग चौकी बनाकर पहरा देते थे। मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं। ये है जनता-कर्फ्यू। जनता कर्फ्यू यानि जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू। इस रविवार, यानि 22 मार्च को, सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक, सभी देशवासियों को, जनता-कर्फ्यू का पालन करना है।
- साथियों इस तरह की वैश्विक महामारी में, एक ही मंत्र काम करता है- “हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ”... ऐसी स्थिति में, जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं है, तो हमारा खुद का स्वस्थ बने रहना बहुत आवश्यक है। इस बीमारी से बचने और खुद के स्वस्थ बने रहने के लिए अनिवार्य है संयम... संयम का तरीका है... भीड़ से बचना, घर से बाहर निकलने से बचना। आजकल जिसे Social Distancing कहा जा रहा है, कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में, यह बहुत जरूरी है।
- आज 130 करोड़ देशवासियों को अपना संकल्प और दृढ़ करना होगा कि हम इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए एक नागरिक के नाते, अपने कर्तव्य का पालन करेंगे, केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के दिशा निर्देशों का पालन करेंगे। आज हमें ये संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे।
- इस वैश्विक महामारी का मुकाबला करने के लिए दो प्रमुख बातों की आवश्यकता है। पहला- संकल्प और दूसरा- संयम... आज 130 करोड़ देशवासियों को अपना संकल्प और दृढ़ करना होगा कि हम इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए एक नागरिक के नाते, अपने कर्तव्य का पालन करेंगे, केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के दिशा निर्देशों का पालन करेंगे।
- इन दो महीनों में भारत के 130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है, आवश्यक सावधानियां बरती हैं। लेकिन, बीते कुछ दिनों से ऐसा भी लग रहा है जैसे हम संकट से बचे हुए हैं, सब कुछ ठीक है।
- वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की ये सोच सही नहीं है। इसलिए, प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना, सतर्क रहना बहुत आवश्यक है। साथियों, आपसे मैंने जब भी, जो भी मांगा है, मुझे कभी देशवासियों ने निराश नहीं किया है। ये आपके आशीर्वाद की ताकत है कि हमारे प्रयास सफल होते हैं। मैं आप सभी देशवासियों से, आपसे, कुछ मांगने आया हूं। मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए आपका आने वाला कुछ समय चाहिए।
- पूरी दुनिया संकट के दौर से गुजर रही है। इस संकट ने पूरी मानव जाति को संकट में डाल दिया है। जब प्रथम या द्वितीय विश्व युद्ध हुआ था तो दुनिया के मुल्क उतने प्रभावित नहीं हुए थे जितने कि इस वायरस के संकट से हुए हैं।
कोरोना वायरस से निपटने को लेकर चल रही कोशिशें की समीक्षा के लिए पीएम मोदी ने गुरुवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक ली। इस बैठक में उन्होंने कोरोना वायरस COVID-19 से लड़ने के लिए स्थानीय समुदायों और संगठनों की सक्रिय भागीदारी पर जोर दिया। पीएम मोदी ने COVID-19 का मुकाबला करने के लिए विभिन्न राज्य सरकारों, चिकित्सा बिरादरी, पैरामेडिकल स्टाफ, सशस्त्र एवं अर्धसैनिक बलों का आभार व्यक्त किया। पीएम मोदी ने अधिकारियों और तकनीकी विशेषज्ञों से अगले कदमों पर विचार-विमर्श करने के निर्देश दिए।
इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जनप्रतिनिधियों, सरकारी कर्मचारियों, चिकित्सा पेशेवरों को छोड़कर, 65 साल से अधिक उम्र के अन्य नागरिकों को घर में रहने की सलाह दी है। सरकार ने यह भी सलाह दी है कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए रेलवे और एयरलाइन कंपनियों को छात्रों, मरीजों और दिव्यांगों के अलावा सभी तरह छूट वाली सेवाएं बंद कर देनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस का प्रकोप भारत में दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। पंजाब के नवांशहर में गुरुवार को कोरोना संक्रमित एक व्यक्ति की मौत हो गई जिसके बाद इससे मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक, देश में अब तक 167 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इसमें 25 विदेशी नागरिक शामिल हैं। अब तक जिन चार लोगों की मौत हुई है उनमें दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र और पंजाब के एक-एक मरीज शामिल हैं।
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